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राजस्थान प्रदेश के जालोर जिले के रहने वाले योगेश जोशी जीरा, सौंफ, धनिया, मेथी व कलौंजी जैसे मसालों की खेती करते हैं।
07 किसानों के साथ मिलकर उन्होंने 10 साल पहले खेती शुरू की थी। आज उनके साथ 3000 से ज्यादा किसान जुड़े हैं।
अभी 4 हजार एकड़ जमीन पर वो खेती कर रहे हैं। सालाना 50 करोड़ रु से ज्यादा का टर्नओवर है।
35 साल के योगेश कहते हैं घर के लोग नहीं चाहते थे कि मैं खेती करूं। वे चाहते थे कि पढ़-लिखकर सरकारी नौकरी करूं।
एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन के बाद उनका कहना था कि मुझे इसी फील्ड में सरकारी सर्विस के लिए प्रयास करना चाहिए।
उन्हें डर था कि खेती में कुछ नहीं मिला तो फिर आगे मेरा क्या होगा लेकिन मेरा इरादा खेती करने का था।
योगेश कहते हैं कि ग्रेजुएशन के बाद मैंने ऑर्गेनिक फार्मिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद मैंने 2009 में खेती करना शुरू किया।
मुझे खेती किसानी के बारे में कोई आइडिया नहीं था। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल था कि कौन सी फसल लगाई जाए।
काफी रिसर्च के बाद मैंने तय किया कि जीरे की खेती करूंगा क्योंकि जीरा कैश क्रॉप है इसे कभी भी बेच सकते हैं।
वो बताते हैं पहली बार एक एकड़ जमीन पर मैंने जीरे की खेती की। तब सफलता नहीं मिली नुकसान हो गया।
इसके बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी। हमें अनुभव और सलाह न होने के चलते शुरुआत में नुकसान हुआ था इसलिए सेंट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टिट्यूट (CAZRI) से मदद ली।
उन्होंने मेरे साथ कई और किसानों को गांव आकर ट्रेनिंग दी जिसके बाद हम लोगों ने फिर जीरा उगाया और मुनाफा भी हुआ।
योगेश बताते हैं कि ऑर्गेनिक खेती में बेहतर करिअर ऑप्शन हैं। जो भी इस फील्ड में काम करना चाहता है। उसे दो-तीन साल समय देना चाहिए।
अगर वह समय देता है तो जरूर कामयाब होगा। देश में ऐसे कई लोग हैं जो इस फील्ड में शानदार काम कर रहे हैं।
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